🍫🌹वह पगली🌹🍫
वह पगली अजब सी गजब सी,
कभी नदी सी तो निर्मल झरने सी
अनवरत बहते पावन गंगा सी
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
वह..............
ठुमक ठुमक कर चलती सी हवा सी
कभी आँधी सी कभी पुरनम बारिश सी,...
टुक टुक टिक टिक सितार सी
कभी स र गम की तान सी,
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
वह...........
अविरल बहती धार सी ,मधुर सी मुस्कान सी,कौन बूझो तो जाने,
जीवन जीने की शान सी
कितना बक बक करती हैं
अनजानी सी पहचनी सी
बुझो तो जाने,
🎤🎤🎤🎤🎤🎤🎤🎤
वह......... . .
नयी सोच और पहचान सी
अधुनिकता की जान सी
अरे वही तो हैं 21वीं सदीं की
हमारे हिंदुस्तान की शान,सी
बुझो तो जाने....
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वह............
अरे वही अगल बगल रहती
जहीन सहीन सी कुछ खामोश सी,
कुछ गुन गुन गान सी
बेहद खूबसूरत ताजमहल,
किसी शहशाँह की मुमताज सी,
😊😊😊😊😊😊😊😊
वह.....
चलिये सोचिये समझिये और जानिये
मैं तो चली गाने गुनगुने ,
कल फिर मिलते हैं सूरज की ,
किरणों संग चलते है
💥💥💥💥💥💥💥💥
वह............. ..
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😇.नंदिता एकांकी😇
🦚प्रयागराज 🦚